छत्तीसगढ़िया सबले बढ़िया ये कहावत हमारे यहाँ चलती है. हमारा छत्तीसगढ़ प्राकृतिक संपदाओं से भरा पूरा है. साथ ही साहित्यकारों और लेखकों की कोई कमी नहीं है. सहित्य जगत को उच्च कोटि के लेखक और साहित्यकार छत्तीसगढ़ की माटी ने दिये हैं.यहाँ चित्रोत्पला गंगा महानदी बहती है और माता कौशल्या का मायका होने के कारण दक्षिण कौशल प्रदेश के नाम से भी जाना जाता है. स्वतंत्रता संग्राम में यहाँ के वीरों ने अपनी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है. मै ललित शर्मा आपको ले चलता हूँ आज की चिट्ठाकार चर्चा पर.................. |
हमारी चर्चा में शामिल आज के चिट्ठाकार हैं श्याम कोरी उदय जी. ये लेखनी के धनी हैं. गजल शेर और कविताओं के साथ लेखों के माध्यम से अपनी बात कहते हैं.इनके ब्लाग का नाम कडुवा सच है. तथा छत्तीसगढ़ ब्लाग पर भी अपना सक्रीय योगदान देते हैं. |
इनकी ब्लाग प्रोफ़ाईल पर परिचय कुछ इस तरह है……… श्याम कोरी 'उदय'
मेरे बारे मेंshyam kori 'uday' // फोन-9300957752 // बिलासपुर (छत्तीसगढ) |
इनकी पहली पोस्ट Friday, May 16, 2008चांदी के सिक्केदोस्तो क्यों परेशान होते हो,क्यों हैरान होते हो, चांदी के चंद सिक्कों के लिए, ज़रा सोचो, चांदी के सिक्कों का करोगे क्या, क्या इन सिक्कों को आंखो पर रखने से नींद आ जाएगी, या फिर इनसे, रात की करवटें रुक जायेंगी, और तो और, क्या कोई बतायेगा, कि इन सिक्कों को देख कर, क्या ‘यमदूत’ डर कर लौट जायेंगे, या फिर, इन सिक्कों पर बैठ कर, तुम स्वर्ग चले जाओगे, या इन्हें जेब में रख कर, अजर-अमर हो जाओगे, |
इनकी अद्यतन पोस्ट अमीर किसान-गरीब किसानहमारा देश किसानों का देश है कुछ वर्ष पहले तक एक ही वर्ग के किसान होते थे जिन्हे लोग 'गरीब किसान' के रूप में जानते थे जो सिर्फ़ खेती कर और रात-दिन मेहनत कर अपना व परिवार का गुजारा करते थे लेकिन समय के साथ-साथ बदलाव आया और एक नया वर्ग भी दिखने लगा जिसे हम 'अमीर किसान' कह सकते हैं।... अरे भाई, ये 'अमीर किसान' कौन सी बला है जिसका नाम आज तक नहीं सुना .....और ये कहां से आ गया ... अब क्या बतायें, 'अमीर किसान' तो बस अमीर किसान है .... कुछ बडे-बडे धन्ना सेठों, नेताओं और अधिकारियों को कुछ जोड-तोड करने की सोची.... तो उन्होने दलालों के माध्यम से गांव-गांव मे गरीब-लाचार किसानो की जमीनें खरीदना शुरू कर दीं... और फ़िर जब जमीन खरीद ही लीं, तो किसान बनने से क्यों चूकें !!! ......... आखिर किसान बनने में बुराई ही क्या है........ फ़िर किसानी से आय मे 'इन्कमटैक्स' की छूट भी तो मिलती है साथ-ही-साथ ढेर सारी सरकारी सुविधायें भी तो है जिनका लाभ आज तक बेचारा 'गरीब किसान' नहीं उठा पाया । ........ अरे भाई, यहां तक तो ठीक है पर हम ये कैसे पहचानेंगे कि अमीर किसान का खेत कौनसा है और गरीब किसान का कौन सा ? ............ बहुत आसान है मेरे भाई, जिस खेत के चारों ओर सीमेंट के खंबे और फ़ैंसिंग तार लगे हों तो समझ लो वह ही अमीर किसान का खेत है, थोडा और पास जाकर देखोगे तो खेत में अन्दर घुसने के लिये बाकायदा लोहे का मजबूत गेट लगा मिलेगा, तनिक गौर से अन्दर नजर दौडाओगे तो एक शानदार चमचमाती चार चक्का गाडी भी खडी दिख जायेगी ...... तो बस समझ लो यही 'अमीर किसान' का खेत है । ........... अब अगर अमीर किसान और गरीब किसान में फ़र्क कुछ है, तो बस इतना ही है कि अमीर किसान के खेत की देखरेख साल भर होती है, और गरीब किसान के खेत में साल भर में एक बार "खेती" जरूर हो जाती है । |
अब देता हुँ चर्चा को विराम-आपको ललित शर्मा का राम-राम |
शुक्रवार, 5 फ़रवरी 2010
मिलिए श्याम कोरी”उदय” से—चिट्ठाकार चर्चा”(ललित शर्मा)
प्रस्तुतकर्ता ब्लॉ.ललित शर्मा पर 6:22 pm
लेबल: चिट्ठाकार चर्चा, श्याम कोरी”उदय
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19 टिप्पणियाँ:
"मिलिए श्याम कोरी”उदय” जी को बहुत बहुत शुभकामनाएँ!
इनसे मिलवाने के लिए ललित जी का आभार!
श्याम कोरी 'उदय' जी के ब्लॉग जगत में जगमगाने में अब कोई संशय नहीं है। मेरी दिली शुभकामनायें।
वैसे तो इनकी रचनाये पढता रहता हूँ मगर विस्तृत परिचय के लिए शुक्रिया !
कोरी जी से हमारा परिचय तो रायपुर ब्लोगर मीट में हो गया था। आपने सभी को उनका परिचय दिया इसके लिये धन्यवाद आपको!
Shyam ji se milna sukhkar laga..
Lalit ji,aapne bahut accha parichay diya hai..'Uday' ji ka..
ललित जी आप का प्रयास अच्छा है
कोरी जी से मिलाने के लिए धन्यवाद
श्याम जी से आपकी कलम के दम पर मिले
अच्छा लगा
श्याम जी से मिल कर बहुत अच्छा लगा.... अभी उन्हें फोन करता हूँ....
श्याम जी से हमारी भी पहली मुलाक़ात कुच्छ दिनो पहले ब्लॉगर मीट में हुई . बड़े सहृदय और सज्जन है.
ललित भाई
आपका बहुत बहुत शुक्रिया जो आपने मेरा परिचय एक "अंतर्राष्ट्रिय मंच" पर कराया।
आपके और आपके ब्लाग "चिट्ठाकार-चर्चा" के उज्जवल भविष्य की कामना करता हूं।
धन्यवाद
श्याम कोरी 'उदय'
श्याम जी से यह परिचय करवाने के लिये धन्यवाद ।
एक और ज़िंदादिल ब्लॉगर के बारे में कुछ अतिरिक्त जानकारी मिली। वैसे रायपुर में 24 जनवरी के रात्रि-भोज में भी खूब बातें हो चुकीं श्याम जी के साथ
बी एस पाबला
श्याम कोरी जी से यह परिचय करवाने के लिये आभार आपका.
ब्लाग बिरादरी के लिए आप जो काम कर रहे हैं उसके लिए आपको सदा याद रखा जाएगा। ब्लागरों को बढ़ाने के लिए आपके काम की जितनी तारीफ की जाए कम है।
श्याम से सालों बाद मुलाकात हुई थी,उस मुलाकात की याद ताज़ा हो गई।
श्याम कोरी 'उदय' जी से परिचय कराने के लिये बहुत बहुत धन्यवाद भाई.
श्याम जी से मिलवाने का आभार।
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ये इन्द्रधनुष होगा नाम तुम्हारे...
धरती पर ऐलियन का आक्रमण हो गया है।
bhai sahab se mulakat blogger meet me hui thi,
unka parichay aise bade manch par karane ke liye aapki tareef karni hi hogi.
aabhar aapka...
श्याम जी से परिचित कराने का शुक्रिया ।
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