हमारा छत्तीसगढ़ प्रतिभाओं से लबालब भरा हुआ है. यहाँ किसी चीज की कमी नहीं है. बहुमुल्य रत्नो खनिजों से लेकर योग्य प्रति्भाओं तक्। सब कुछ है, पर कु्छ वर्षों से पिछ्ड़े होने का ठप्पा लगा दिया गया है. लेकिन छत्तीसगढिया पिछड़ा कहीं से नहीं है. प्रत्येक कार्य में अपनी कुशलता और प्रतिभा का परिचय अवश्य ही देता है. नई विधाओं में भी इन्होने हाथ अजमाया है. यह देखने में आया है ब्लागिंग के क्षेत्र में. इस क्षेत्र में भी छत्तीसगढ़ियों ने अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है. पुराने (सीनियर) ब्लागरों की छत्र-छाया में नए ब्लागर भी पनप रहे हैं तथा उनका भरपूर स्नेह के साथ मार्ग दर्शन भी दिया जा रहा है. मै सीनियर ब्लागरों को प्रणाम करता हूँ तथा मैं ललित शर्मा आपको ले चलता हूँ आज की चिट्ठाकार चर्चापर...................... |
हमारी आज की चिट्ठाकार चर्चा में शामिल ब्लागर हैं तोषी गुप्ता जी. शिक्षा के क्षेत्र से जुडी हैं. इन्होने अभी ब्लाग पर कम ही लिखा है लेकिन ज्वलंत विषयों की समझ रखती है. अपने विचार स्पष्ट रूप से रखती है.इनके ब्लाग का नाम है तोषी-वुजूद की तलाश में. इनकी पहली पोस्ट तोषी गुरुवार १३नवम्बर २००८ की है. जिसमे अपने नाम के शब्दार्थ बताती हैं. |
तोषी अपनी प्रोफाईल पर लिखती हैं........ toshi gupta
मेरे बारे में....स्कूल में थी जब अपनी भावनाओ को डायरी के पन्नो में सहेज कर रखती थी, पन्ने भरते गए और इधर ज़िन्दगी पन्ने भी बदलते गए,...फिर अपने दिल कि बातो को प्रिंट एवं इलेक्ट्रानिक मीडिया के माध्यमो से लोंगो तक पहुचाती रही...फिर जिंदगी के मायने ही बदल गए... फिर लगा ज़िन्दगी रूक सी गई है...थम सी गई है..पता चला मै अपनी प्यारी सखी, अपनी डायरी से दूर जो हो गई हू...पीछे पलट कर देखा, ऐसा लगा मेरी प्यारी सखी मेरा अभी तक इंतज़ार कर रही है.दौड़कर उसका हाथ थाम लिया,ज़िन्दगी भर साथ निभाने के वायदे के साथ...इस ब्लॉग "तोषी" के माध्यम से... |
इनकी पहली पोस्ट toshi"toshi'..........toshi means 1.........happiness giver................(in my knowledge) 2......... "A M R I T" in hindi (holy water in english)!!! 3......... means mirror image in urdu it means a person who is loved by every one 4..........means profit in hindi its munafa 5.......... meaning as "A feeling of self sufficiency" In other words Content. 6..........means "Treasure"..... 7..........means : "S A T I S F A C T I O N". 8.......... TOSHI comes from the Sanskrit word "Tusht" which means Satisfaction...so Toshi would be a person who is satisfied with what he/she has... dont know what is the actual meaning but sure abt ....toshi....... i want 2 do something very special and unique in my life coz i think i am very special and unique so i must do very special and unique....................................... sometimes situations may be very opposite but i never fell down,and i know very well that i will achieve my goal........................................... yes........i can do what i want to do.................................................. hey,one more thing which is more important abt me that is...................... I Am What i AM......and.....................I don care what peaple think abt me.............................. |
इनकी अद्यतन पोस्ट मंगलवार, २६ जनवरी २०१०मीडिया में नारी शोषण ....................नारी कुदरत क़ी बनाई अनिवार्य रचना है ,जिसके उत्थान हेतु समाज के बुद्धिजीवी वर्ग ने सतत संघर्ष किया है। आज क़ी बहुमुखी प्रतिभाशील नारी उसी सतत प्रयास का परिणाम है। आज नारी ने हर क्षेत्र में अपना प्रभुत्व कायम किया है, चाहे वह शासकीय क्षेत्र हो या सामाजिक, घर हो या कोर्ट कचहरी , डाक्टर, इंजिनीयर, अथवा सेना का क्षेत्र, जो क्षेत्र पहले सिर्फ पुरुषो के आधिपत्य माने जाते थे, उनमे स्त्रियों क़ी भागीदारी प्रशंसा का विषय है। इसी तरह प्रिंट और इलेक्ट्रोनिक मीडिया भी स्त्रीयों क़ी भागीदारी से अछूता नहीं है ।प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया समाज के दर्पण होते है, जिसमे समाज अपना अक्श देखकर आत्मावलोकन कर सकता है । पिछले कई वर्षो से मीडिया में नारी क़ी भूमिका सोचनीय होती जा रही है। आज प्रिंट और इलेक्ट्रोनिक मीडिया जिस तरह नारी क़ी अस्मिता को भुना रहा है, वह जाने - अनजाने समाज को एक अंतहीन गर्त क़ी ओर धकेलते जा रहा है। इसका दुष्परिणाम यह है क़ी आज नारी ऊँचे से ऊँचे ओहदे या प्रोफेशन में कार्यरत क्यों ना हो वह सदैव एक अनजाने भय से ग्रसित रहती है। क्या है ये अनजाना भय ? निश्चित रूप से यह केवल उसके नारी होने का भय है जो हर समय उसे असुरक्षित होने का अहसास दिलाता रहता है। आलम यह है क़ी आज नारी घर क़ी चारदीवारी में भी अपनी अस्मिता बचने में अक्षम है। |
अब चिट्ठाकार चर्चा को देता हूँ विराम- आप सभी को ललित शर्मा का राम-राम |
रविवार, 31 जनवरी 2010
तोषी-वूजूद की तलाश में “चिट्ठाकार-चर्चा” (ललित शर्मा)
प्रस्तुतकर्ता ब्लॉ.ललित शर्मा पर 6:00 am 14 टिप्पणियाँ
बुधवार, 27 जनवरी 2010
उर्जावान चिट्ठाकार नवीन प्रकाश-"चिट्ठाकार-चर्चा" (ललित शर्मा)
कल २६ जनवरी को गणतंत्र दिवस भारतवासियों द्वारा धूम धाम से मनाया गया. हम क्यों पीछे रहते प्रतिवर्षानुसार हमने भी मनाया.सैकड़ों जगह के निमंत्रण थे, लेकिन कुछ ही जगह उपस्थित हो सके. बच्चों पुरे उत्साह के साथ सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किये.नन्हे-मुन्ने निश्छल मासूमो के बीच बहुत आनंद आया, गणतंत्र दिवस के कार्यक्रमों में शामिल होना था इसलिए चिट्ठाकार चर्चा से एक दिन विराम लिया था. आज पुन: उसी उर्जा के साथ हम पहुँच गए हैं चिट्ठाकार चर्चा करने के लिए. चलिए मै ललित शर्मा आपको ले चलता हूँ आज की चिट्ठाकार चर्चा पर................. | |
नवीन प्रकाश जी अपनी ब्लागर प्रोफ़ाईल पर बहुत कम शब्दों मे अपना परिचय देते हैं।नवीन प्रकाश
About Meबस एक कोशिश है जो थोडी बहुत जानकारियां मुझे है चाहता हूँ की आप सभी के साथ बांटी जाए। आप मुझे मेल भी कर सकते है hinditechblog@gmail.comFavorite MoviesFavorite Music | |
इनकी पहली पोस्टHindi Tech Blogat 12:32 PM1 comments बस एक शुरुवात है जो थोडी बहुत जानकारिया मुझे है चाहता हु की आप सभी के साथ बाटी जाए . | |
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प्रस्तुतकर्ता ब्लॉ.ललित शर्मा पर 10:55 am 0 टिप्पणियाँ
मंगलवार, 26 जनवरी 2010
आज दिया है चर्चा को विराम-सभी भारतवासियों को 26जनवरी की राम-राम
प्रस्तुतकर्ता ब्लॉ.ललित शर्मा पर 5:31 am 10 टिप्पणियाँ
लेबल: 26जनवरी
सोमवार, 25 जनवरी 2010
राकेश जाज्वल्य चिट्ठाकार-चर्चा मे-- (ललित शर्मा)
कल २४ जनवरी को छत्तीसगढ़ के ब्लोगर रायपुर में मिले. सभी का एक दुसरे से रु-ब-रु परिचय हुआ. बहुत आनंद आया. आज ब्लाग जगत लोकतंत्र का पांचवां खम्बा बनने जा रहा है. ब्लाग जगत के सामने क्या चुनौतियाँ होंगी? भविष्य में तथा इसका निराकरण क्या होगा?. एक ब्लागर की जिम्मेदारियां क्या हैं? देश और समाज के सामने, इस पर गहन चिंतन करना है. आगे होने वाली बैठकों में. यह एक बहुत बड़ा मुद्दा है. इस पर विचार कर समाधान ढूँढना अत्यावश्यक है. ब्लाग जगत मौज लेने की जगह नहीं है. इसका सार्थक उपयोग करना आवश्यक है. अब मै ललित शर्मा आपको ले चलता हूँ आज की चिट्ठाकार-चर्चा पर.......... | |||
RAKESH JAJVALYA
मेरे बारे मेंकविताओं के माध्यम से खुद को जानने - पहचानने की प्रक्रिया भी जारी है ........रुचिपसंदीदा मूवी्स | |||
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प्रस्तुतकर्ता ब्लॉ.ललित शर्मा पर 2:04 pm 5 टिप्पणियाँ
लेबल: चिट्ठाकार-चर्चा, राकेश जाज्वल्य
रविवार, 24 जनवरी 2010
मिलिए अजय लाहुली से-चिट्ठाकार-चर्चा (ललित शर्मा)
अजय लाहुली अपनी ब्लागर प्रोफ़ाईल पर निम्न जानकारी देते हैंअजय लाहुली
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इनकी अद्यतन पोस्ट मे त्योहारों की जानकारीआप सबको 2010 हालडा,लोसर व खोगल की शुभकामनाएँलोसर, हालडा या खोगल लाहुल में सर्दियों में मनाया जाने वाला वर्ष का पहला पर्व या उत्सव है. इस आयोजन के![]() | |||
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प्रस्तुतकर्ता ब्लॉ.ललित शर्मा पर 8:15 am 13 टिप्पणियाँ
लेबल: "चिट्ठाकार-चर्चा", अजय लाहुली
शनिवार, 23 जनवरी 2010
प्रख्यात रंगकर्मी रचनाकार-बाल कृष्ण अय्यर-“चिट्ठाकार चर्चा” (ललित शर्मा)
बाल कृष्ण अय्यर जी के द्वारा निर्देशित नाटकों की एक झलक आप भी देखियेप्रथम व्यक्ति का मंचन रायपुर में ....रायपुर के मुक्ताकाशी मंच पर हम लोगों ने प्रथम व्यक्ति का मंचन किया , छत्तीसगढ़ आर्ट्स एंड थियेट्रिकल सोसाइटी संस्था के गठन के बाद ये हमारा पहला प्रयास था, छत्तीसगढ़ के दुर्ग शहर में नाटक से सम्बंधित गतिविधियाँ कम ही है, ज्यादातर नाटक भिलाई में ही होते है. दुर्ग में नाटकों का माहौल बनाने का प्रयास जारी है. ![]() | |||
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हमीरपुर की सुबह ![]() | |||
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प्रस्तुतकर्ता ब्लॉ.ललित शर्मा पर 9:24 am 11 टिप्पणियाँ
शुक्रवार, 22 जनवरी 2010
कलम के योद्धा पी.सी.गोदियाल-"चिट्ठाकार चर्चा" (ललित शर्मा)
उत्तर भारत में कड़ाके की सर्दी पड़ रही है और इसका असर मुंबई तक दिखाई दे रहा है. इस सर्दी से बचने के लिए सियासी दलों ने अपने-अपने अलाव जला रखे हैं और अपने हाथ सेंक रहे हैं कभी किसी को मौका मिलता है तो वो भी अपनी रोटी सेक लेता है. अब टैक्सी चालकों के लिए मराठी होना जरुरी हो गया है. यह तुगलकी फरमान महाराष्ट्र की सरकार ने जारी किया है यह हमारी संविधान प्रदत्त मौलिक अधिकाओं और संघीय व्यवस्था पर सीधा हमला है. भारत वासी सम्पूर्ण राष्ट्र में कहीं पर भी जीवन यापन कर सकता है. लेकिन यही मुद्दा इन्हें राजनैतिक पोषण दे रहा है. मैं ललित शर्मा आपको ले चलता हूँ आज की चिट्ठाकार चर्चा पर.................. | ||
गोदियाल जी अपनी प्रोफाईल पर कुछ इस तरह से लिखते हैं.........पी.सी. गोदियाल
मेरे बारे मेंऐसा कुछ भी ख़ास है नहीं बताने को, अपने बारे में ! बस, यों समझ लीजिये कि गुमनामी के अंधेरो में ही आधी से अधिक उम्र गुजार दी !हाँ, इतना जरूर कहूँगा अपने बारे में कि सही को सही और गलत को गलत कह पाने की हिम्मत रखता हूँ, चाहे दुनिया इधर से उधर हो जाए ! My humble request is to kindly ignore the typographical errors. My fondest wish is to inspire someone else to write something even better than I have done. Look forward to reciving your creative suggestions.regards, xxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxx साभार,..................... गोदियाल | ||
अद्यतन पोस्टपसंद अपनी-अपनी !दास्ताँ-ए-इश्क जब उन्होंने सुनाया,अंदाज-ए-बयाँ हमें उनका खूब भाया , बनावटी मुस्कान चेहरे पे ओढ़कर , दर्द, दिल में छुपाना भी पसंद आया ! अश्क टपके बूँद-बूंद जो नयनों से , वो दिल-दरिया से निकल के आये थे, हमें गफलत में रखने को उनका वो, प्याज छिलते जाना भी पसंद आया ! हमें आशियाने पर अपने बिठा कर, किचन में तली पकोड़ी जब उन्होंने , सिलबट्टे पे पोदीना-चटनी को पीसते, मधुर गीत गुनगुनाना भी पसंद आया ! प्यार से परोसी जब उन्होंने हमको, गरमागरम चाय संग चटनी-पकोड़ी, थाली के ऊपर से मक्खी भगाने को, उनका वो पल्लू हिलाना भी पसंद आया ! | ||
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प्रस्तुतकर्ता ब्लॉ.ललित शर्मा पर 7:00 am 19 टिप्पणियाँ
गुरुवार, 21 जनवरी 2010
युवा सोच युवा ख्यालात-कुलवंत हैप्पी-"चिट्ठाकार चर्चा"(ललित शर्मा)
कुलवंत हैप्पी
- उम्र: 25
- लिंग: पुरुष
- खगोलीय राशि: वृश्चिक
- राशि वर्ष: चूहा
- उद्योग: इंटरनेट
- व्यवसाय: लेखन
- स्थान: bathinda, बठिंडा, ਬਠਿੰਡਾ, : punjab, पंजाब, ਪੰਜਾਬ, : भारत
मेरे बारे में
युवा सोच युवा खयालात
शुक्रवार, ३ अक्तूबर २००८
कैसे निकलूं घर से...
बस स्टैंड की तरफ,
आफिस की तरफ घर से बाहर की तरफ
बढ़ते हुए कदम रुक जाते हैं,
और पलटकर देखता हूं घर को,
अपने आशियाने को,
जिसको खून पसीने की कमाई से बनाया है,
जिसमें आकर मुझे सकून मिलता है,
सोचता हूं,
खुली खिड़की
रविवार, १५ फरवरी २००९
फिल्मी हलचल
Thursday, June 5, 2008
छोटे आसमां पर बड़े सितारे
शाहरुख खान छोटे पर्दे से बड़े पर्दे पर जाकर बालीवुड का किंग बन गया एवं राजीव खंडेलवाल आपनी अगली फिल्म 'आमिर' से बड़े पर्दे पर कदम रखने जा रहा है, मगर वहीं लगता है कि बड़े पर्दे के सफल सितारे अब छोटे पर्दे पर धाक जमाने की ठान चुके हैं। इस बात का अंदाजा तो शाहरुख खान की छोटे पर्दे पर वापसी से ही लगाया जा सकता था, मगर अब तो सलमान खान एवं ऋतिक रोशन भी छोटे पर्दे पर दस्तक देने जा रहे हैं. इतना ही नहीं पुराने समय के भी हिट स्टार छोटे पर्दे पर जलवे दिखा रहे हैं, जिनमें शत्रुघन सिन्हा एवं विनोद खन्ना प्रमुख है.ਭਗਤ ਸਿਆਂ ਤੇਰੇ ਵਰਗੇ
ਕਿਸੇ ਸੱਚ ਆਖਿਆ ਹੈ,ਨੀ ਜੰਮਣੇ ਪੁੱਤ ਭਗਤ ਸਿਆਂ ਤੇਰੇ ਵਰਗੇ
ਸਦਕੇ ਜਾਵਾਂ ਤੇਰੇ ਓਏ ਪੰਜਾਬੀ ਸ਼ੇਰਾ
ਜਿਸਨੇ ਖਤਮ ਕੀਤਾ ਫਰੰਗੀ ਡੇਰਾ .
इनकी अद्यतन पोस्ट
बुधवार, २० जनवरी २०१०
बसंत पंचमी के बहाने कुछ बातें
प्रस्तुतकर्ता ब्लॉ.ललित शर्मा पर 9:45 am 11 टिप्पणियाँ
बुधवार, 20 जनवरी 2010
राहुल प्रताप सिंग राठौड़"चिट्ठाकार चर्चा "-में(ललित शर्मा)
राहुल प्रताप सिंह राठौड़
- उम्र: 20
- लिंग: पुरुष
- खगोलीय राशि: मकर
- राशि वर्ष: साँप
- उद्योग: छात्र
- व्यवसाय: student
- स्थान: Kharsulia (Etah) : Uttar Pradesh : भारत
मेरे बारे में
कुछ चिट्ठों से इनकी पहली पोस्ट के अंश पढिए
Sunday, April 19, 2009 TechTOUCH
दोस्तों आज में ब्लॉग के जरिये कुछ नया करने की कोशिश करनेजा रहा हूँ मैं अपने ब्लॉग के जरिये आपके लिए जनरल नोलेज की जानकारियों से भरपूर श्रंखला चलाने जा रहा हूँ जोकि मेरे अनुसार प्रतियोगी परीक्षायों की तैयारी कर रहे , हमारे दोस्तों के लिए कुछ हद तक तो मदद जरूर करेगा मैं अपनी क्षमता के अनुसार पूरी कोशिश करूंगा की ज्यादा से ज्यादा और लाभदायक जानकारी आपके लिए जुटा सकूं
आप सभी लोगो की भागीदारी से ही मेरा यह प्रयास सफल रहेगा आपको मेरे ब्लॉग में कमेन्ट के जरिये मेरी हौसलाअफजाई कर सकते है
ये श्रंखला मैं आप सभी के लिए कल से ला रहा हूँ .........
Nov 1, 2008
999 first post
Hi friends, Here i started a new blog name "999" .why 999? because today is 09.09.09.So i want to start an new blog for you. Here You can find Hindi songs free, Hindi Movies free, Hindi SMS,Shayari, Cricket scoreboard, E-books,Jokes,Software,Tips & Tricks,Hindi movies dialouges,Biography of Indian Celebraties,Wallpapers,screen saver and much more.These are fully free. "Everything free 4 u" is the tagline of my blog. So friends let us start fun & enjoy.
आपके नाम का मतलब क्या है ?? नहीं पता ? तो आईये जाने .....(वेब-साईट जो आपके नाम का अर्थ बताएगी )
प्रस्तुतकर्ता ब्लॉ.ललित शर्मा पर 9:07 am 7 टिप्पणियाँ
मंगलवार, 19 जनवरी 2010
क्रांति दूत-अरविन्द झा "चिट्ठाकार चर्चा"( ललित शर्मा )
अरविन्द झा
- उम्र: 31
- लिंग: पुरुष
- खगोलीय राशि: वृश्चिक
- राशि वर्ष: घोड़ा
- उद्योग: रोजगार
- व्यवसाय: engineer
- स्थान: bilaspur : chhattisgarh : भारत
मेरे ही ईशारों पर हुई है.
छल किया था,
धोखा दिया था उसने.
मैने उसे समझाया,
चेतावनी दिया,
अपनी गलतियों से बाज आए.
बहुत उपर तक पहुंच है मेरी.
एक अद्रुश्य शक्ति के समक्ष,
जो स्रुष्टि का निर्माता भी है
और चलाता भी है.
मैने क्षमा न करने
और न्याय पाने की
मौन स्वीक्रुति दे दी.
ये मौत भी,
मेरे ही ईशारों पर हुई है.
इन्होने जंगल राज नामक एक कहानी प्रकाशित की है.उस पर भी दृष्टिपात करते हैं.
जंगल-राज
प्रजातंत्र हो जाने के बाद यहां जंगल मे भी राज चलाना काफ़ी कठिन हो गया है.उपर से राजनीति भी जोरों पर है.अभी हाल ही मे आम चुनाव हुए थे जिसमे शेर की पार्टी ने हाथी के दल को पटखनी दी और पुर्ण बहुमत लेकर सत्तासीन हुई.लम्बे-चौडे वादे किये गये.भेडों-बकडों के समुह को यह कहकर वोट मांगा गया कि शेर अब उसका शिकार नही करेंगे.मछलियों से वादा किया गया कि मगरमच्छों से उनकी रक्षा की जायेगी.छोटे-छोटे जानवरों को विश्वास दिलाय गया कि सस्ते दरों पर उन्हे चारा उपलब्ध कराये जायेंगे.किसी भी पशु-पक्षी को बेरोजगार नही रहने दिया जायेगा और सारे फ़ैसले जानवरों के हितों को ध्यान मे रखकर लिया जायेगा.हाथी के दल ने भी कुछ मिलते-जुलते वादे ही किये थे लेकिन अंततः पशुमत शेर की पार्टी के पक्ष मे रहा.हाथी को विपक्ष का नेता चुना गया और शेर की सरकार बनी.सियारों को प्रमुख मन्त्रालय दिये गये----क्योंकि चुनाव के दौरान उन्ही की ब्युहरचना और लिखे गये भाषण काम आये थे.
रात के बारह बज चुके थे.काम करते करते शेर थक चुका था.वह बहुत भूखा था.मिडियावालों के साथ यह कहते हुए वह खाना नही खाय था कि उसने मांसाहार छोड दिया है.दिन के सर्वदलीय भोज मे पनीर की सब्जी जो उसे पसन्द नही है,यह बहान बनाकर नही खाया था कि आज उसे उपवास है.राजनीति का मतलब यह नही होत कि राज करनेवाला भूखा रहे और बांकी सभी मौज करें.उसे सियारों की यह राजनीति पसंद नही आयी.तभी एक सियार शेर के पास आया और भोजन-गृह मे पधारने का अनुरोध किया.सभी जानवर अपने-अपने घरों मे चले गये.शेर का भोजन-गृह जो कि एक अंधेरी गुफ़ा की तरह था-मे शेर प्रवेश कर गया.गुफ़ा मे घुसते ही स्वादिष्ट खाने का गंध उसकी नाक तक पहुंचने लगा.डरी हुई कई छोटी-छोटी निरीह आंखे अंधेरी गुफ़ा मे भी चमक रही थी.शेर मुस्कुराने लगा---अब उसे राजनीति अच्छा लगने लगा था.
प्रस्तुतकर्ता ब्लॉ.ललित शर्मा पर 12:29 pm 11 टिप्पणियाँ
लेबल: अरविन्द झा, क्रांति दूत
सोमवार, 18 जनवरी 2010
मिलिए चिट्ठाकार सूर्यकान्त गुप्ता जी से
सूर्यकान्त गुप्ता
मेरे बारे में
सूर्यकांत गुप्ता जी की पहली पोस्ट
बुधवार, १४ जनवरी २००९
सूक्तियां जीवन में कितनी अनुकर्णीय
प्रस्तुतकर्ता ब्लॉ.ललित शर्मा पर 12:29 pm 29 टिप्पणियाँ
लेबल: चिट्ठाकार चर्चा, सूर्यकांत गुप्ता